18 December 2005

शब्द प्राणायाम 17-21

17- विद्यार्थी

आगे-बढ़ने
की लगन में
कितना मदमस्त
हो जाता है,
दिमाग बिना
दीमक भी
पूरी पुस्तक
चाट जाता है!










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18- बेर

जीभ लक्ष्मण की
आम नागरिक-सी
ललचाती है,
देश में राम और शबरी से
मीठे बेर,
इल्लियाँ खाती हैं!














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19- बिजली

आज की बिजली
असल की
नकल कर रही है,
देखकर
बादलों की बिजली
चमक कर
बुझ रही है!













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20-शांति

सचमुच,
बुद्धि से बड़ी भैंस है,
आदमी जान जाता
किसी का कुछ बिगाड़ देना
भैंस को नहीं आता,
काश,
भैंस का सिर्फ यह गुण
आदमी में आ जाता
आज विश्व में,
न्यूट्रान एवं हाईड्रोजन
बम नहीं बन पाता!












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21- चीर हरण

कौरवों ने
द्रोपदी का
चीर- हरण
क्या किया,
फैशन का
दु:शासन भी आज
नारी को
नंगा,
बना रहा है!











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-रमेशकुमार भद्रावले
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