41- चलता-पुर्जा
लाँघकर,
झूठ की सीमा
नेता,
चलता-बनता है,
आश्वासन के
अंगारों में
वोटर जलता है!
*****
42- आकलन
धाँधली, रिश्वत, भ्रष्टाचार
ना ही कभी कुछ
सुनने में आया,
पुरस्कार योग्य तो
सिर्फ,
मलेरिया विभाग कहलाया!
*****
43- आत्म-सम्मान
पानी तो,
आदमी से अधिक
उसमें भी होता है,
कटते ही
क्रोध, में
लाल-लाल
तरबूज होता है!
*****
44- शिक्षक दिवस
दक्षिणा में
हमारी संस्कृति ने
अँगूठा तक काटकर
दिया है,
गुरु का सम्मान
हमने आज
पाँच सितम्बर से
जोड़ दिया है!
******
45- बिल्ली
जब चाहे तब
भाग जाती है,
आजकल खिड़कियाँ
बिजली के बल्बों में
भी पाई जाती हैं
-रमेशकुमार भद्रावले
*****
लाँघकर,
झूठ की सीमा
नेता,
चलता-बनता है,
आश्वासन के
अंगारों में
वोटर जलता है!
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42- आकलन
धाँधली, रिश्वत, भ्रष्टाचार
ना ही कभी कुछ
सुनने में आया,
पुरस्कार योग्य तो
सिर्फ,
मलेरिया विभाग कहलाया!
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43- आत्म-सम्मान
पानी तो,
आदमी से अधिक
उसमें भी होता है,
कटते ही
क्रोध, में
लाल-लाल
तरबूज होता है!
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44- शिक्षक दिवस
दक्षिणा में
हमारी संस्कृति ने
अँगूठा तक काटकर
दिया है,
गुरु का सम्मान
हमने आज
पाँच सितम्बर से
जोड़ दिया है!
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45- बिल्ली
जब चाहे तब
भाग जाती है,
आजकल खिड़कियाँ
बिजली के बल्बों में
भी पाई जाती हैं
-रमेशकुमार भद्रावले
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