शब्द प्राणायाम 12-16
12- कुर्सी
कुर्सी हमेशा
आदमी से बड़ी
होती है,
चूँकि
कुर्सी की
टाँगें चार
होती हैं!
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13- बँटवारा पानी की
एक बूँद का
जब विश्व में
बँटवारा किया गया,
कतार में
सबसे आगे
समुद्र,
पाया गया
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14- कलियुग
मानवता के विघटन को
आदमी,
कलियुग कह रहा है,
ज्ञान के घोंसले में
आज,
स्वार्थ पल रहा है!
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15- समयजब मैं पढ़ता था
तब,
पुस्तकें फाड़ा करता था,
आज
फटी किताबों में
नई,
ज़िन्दगी ढूँढ़ता हूँ!
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16- दोस्तीकृष्ण और सुदामा की
दोस्ती का सिलसिला
आज तक
चला आ रहा है,
दोस्ती में पानी भी
दूध के साथ मिलकर
दूध के भाव,
बिकता जा रहा है!
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-रमेश कुमार भद्रावले
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1 comment:
Sir 16 chanikayen padh chuka hun.
Saral sahaj aur uttam.
Bahut sundar rachnaon k liye badhai.
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